एक 24 साल का लड़का चलती ट्रैन से बहार झाँक रहा था लड़के ने कहा “पापा, देखिये सारे पेड़ पीछे
एक पिता ने अपनी बेटी की अच्छे परिवार में सगाई करवाई, लड़का बड़े अच्छे घर से था सुशील था तो
एक था रौनक। जैसा नाम वैसा रूप। अकल में भी उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता था। एक दिन उसने
दो यात्री धर्मशाला में ठहरे हुए थे। एक दीप बेचने वाला आया। एक यात्री ने दीप खरीद लिया। दूसरे ने
यह मनुष्य का स्वाभाविक गुण है कि वह दूसरे लोगों में भी अपने अनुसार गुण अथवा दोष देख लेता है।
एक महाजन ने चित्रकार से अपना चित्र बनवाया | बड़ी मेहनत के बाद जब चित्र तैयार हुआ तो महाजन
श्यामलाल एक वृध्द व्यक्ती था | जीवन के अंतिम पड़ाव पर उसकी इच्छा हुई कि वह तीर्थयात्रा पर जाए,
बादशाह अकबर हथकरघा उधोग को बढ़ावा देने के लिए दलालों के माध्यम से भारी मात्रा में रुई मंगवाते थे